जब भी तू मेरे करीब आती है
धीरे धीरे जब भी तू मेरे करीब आती है,
तेरे जिस्म की महक से साँसे महक जाती है।
वो बिखरी-बिखरी काली काली ज़ुल्फ़ें तेरी,
इन जुल्फो में मेरी ज़िन्दगी बंध जाती है।
ये माथे की बिंदी रौनक है तेरे हसीं चेहरे की,
तेरी आँखों में डूब कर हस्ती बिखर जाती है।
तेरे लबों की मुस्कान मेरी ख़ुशी की वजह है,
तेरे कानों की बालियां हसीन गीत सुनाती है।
हाथों के कंगन पैरों की पायल की झंकार,
मेरे दिल की धड़कनों को कई गुना बढ़ाती है।
जी चाहता है कि तेरे जिस्म से लिपट जाऊँ,
पर कुछ ख्वाहिशें ख्वाहिशें ही रह जाती है।
Shashank मणि Yadava 'सनम'
08-Feb-2023 04:57 PM
बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ
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nikksinghnikhil
08-Feb-2023 08:50 PM
बहुत बहुत धन्यवाद
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Gunjan Kamal
05-Dec-2022 06:48 PM
बहुत खूब
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nikksinghnikhil
05-Dec-2022 08:34 PM
Ji shukriya
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Sachin dev
05-Dec-2022 06:23 PM
Superb 👌
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nikksinghnikhil
05-Dec-2022 08:36 PM
Thankyou
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